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PhD क्या है कैसे करे – योग्यता , फीस, एग्जाम , से जूडी सम्पूर्ण जानकारी 2024

PhD Kya Hai – PhD (Doctor of Philosophy) एक पोस्टग्रेजुएशन स्तर का शिक्षा पदावन्त है जिसका मुख्य उद्देश्य नए ज्ञान को सृजन करना, मौलिक अनुसंधान करना, और विशेषज्ञता में आवंटित करना होता है। यह शिक्षा पदावन्त दुनिया भर में विभिन्न विषयों में उपलब्ध है, जैसे कि विज्ञान, विशेषज्ञता, विचारशीलता, साहित्य, सामाजिक विज्ञान, विपणन, मानविकी, प्रबंधन, चिकित्सा, इतिहास, धर्म, कला, और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में।

PhD प्रोग्राम एक निर्धारित अवधि का होता है जिसमें छात्र विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए अपने चयनित विषय पर अनुसंधान करते हैं। यह अनुसंधान छात्र के द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाता है और उसे एक थीसिस या अध्ययन प्रबंध के रूप में प्रस्तुत करना पड़ता है। एक सफलतापूर्वक पूरा किया गया PhD अध्ययन प्रोग्राम छात्र को एक अध्यापक, अनुसंधानकर्ता, विशेषज्ञ या शोधकर्ता के रूप में विभिन्न करियर अवसर प्रदान करता है।

Phd ke liye qualification और पीएचडी करने के बाद सैलरी संबंधित जानकारी भी यहां पर दी गई है। साथ ही यह भी जानेंगे कि phd ki fees kitni hai? पीएचडी कैसे करें व किस विषय से करना ज्यादा फायदेमंद है, इस बारे में जानने से पहले विस्तार से समझते हैं कि पीएचडी क्या होता है?

PhD क्या है ? (PhD Kya Hai)

PhD (Doctor of Philosophy) एक शिक्षा पदावन्त है जो छात्रों को उनके चयनित क्षेत्र में उच्च स्तर की विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक अनुसंधान-मुख्य कार्यक्रम होता है जिसमें छात्रों को आधिकारिक रूप से अनुसंधान करने और नई ज्ञान सृजित करने का मौका मिलता है।

PhD कोर्स की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. विषय संशोधन: छात्र को अपने चयनित विषय में विस्तृत अनुसंधान करने का मौका मिलता है। इसमें प्रयोगशाला कार्य, शोध, विश्लेषण, अध्ययन, और विचार धारा शामिल हो सकते हैं।
  2. नवीनतम ज्ञान और संशोधन: PhD छात्र को विशेषज्ञता में उनके क्षेत्र के नवीनतम शोध, विचारधारा, और अद्यतन ज्ञान को अवगत कराने का अवसर मिलता है।
  3. थीसिस: छात्रों को अपने अनुसंधान का एक थीसिस तैयार करके प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। थीसिस में विश्लेषण, परिणाम, और संशोधन के परिणामस्वरूप विज्ञानिक योग्यताओं का प्रदर्शन होता है।
  4. शोध संगठन: PhD छात्रों को विभिन्न संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों आदि में शोध के लिए अवसर मिलता है।

PhD कोर्स की अवधि विश्वविद्यालय और विषय पर निर्भर करती है, लेकिन आमतौर पर यह 3 से 5 वर्षों का होता है। छात्रों को अपने अनुसंधान के प्रगति को मॉनिटर करने के लिए संशोधन पर्यवेक्षक या गाइड के साथ सहयोग करना होता है। प्रगति के आधार पर छात्रों को विभिन्न प्रकार की सेमिनार, कान्फ्रेंस, और प्रस्तुतियों में भाग लेने की आवश्यकता हो सकती है।

PhD लिए योग्यता (PhD Ke Liye Qualification)

PhD प्रोग्राम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना होगा:

  1. पीएचडी करने के लिए कंडीडेट न्यूनतम 55% अंको के साथ मास्टर डिग्री कोर्स किया होना चाहिए।
  2. यूजीसी की नई गाइडलाइंस के अनुसार ऐसे स्टूडेंट्स भी पीएचडी कर सकते हैं, जिन्होंने 4 वर्ष का बैचलर डिग्री कोर्स रिसर्च के साथ न्यूनतम सीजीपीए 7.5/10 से किया हुआ है।
  3. इसके अलावा 4 वर्ष के अंडरग्रेजुएट कोर्स के पश्चात 1 या 2 वर्ष के मास्टर डिग्री कोर्स (न्यूनतम 55% अंक) के बाद भी PhD मे एडमिशन ले सकते हैं।
  4. M.Phil (न्यूनतम 55% अंक) के पश्चात भी पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं।
  5. आरक्षित कैटेगरी के कंडीडेट को परसेंटेज में 5% की छूट व न्यूनतम सीजीपीए में 0.5 की छूट दी जाती है।
  6. इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के फील्ड में PhD करने के लिए GATE एग्जाम में मान्य स्कोर प्राप्त करने होते हैं।

PhD की फीस कितनी है ? (PhD Ki Fees Kitni Hai)

किसी भी कॉलेज में पीएचडी की फीस बहुत से फैक्टर्स पर निर्भर करती है। सरकारी कॉलेज में PhD की फीस लगभग ₹20,000 से ₹60,000 तक हो सकती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹30,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है।

PhD के लिए एडमिशन प्रोसेस

एक डॉक्टरेट (PhD) के लिए एडमिशन प्रक्रिया विभिन्न विश्वविद्यालयों और इंस्टीट्यूटों के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित चरणों को शामिल करती है:

  1. विषय चुनें: सबसे पहले, अपने रुचि के अनुसार विषय का चयन करें जिसमें आप अपना डॉक्टरेट करना चाहते हैं। विषय चुनने के लिए, अपने पूर्वज्ञान, अनुसंधान इंटरेस्ट, और भविष्य में करियर लक्ष्यों को मध्यस्थ करें। विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट के वेबसाइट पर विषयों की जांच करें और संभावित गाइड या सुपरवाइजर के साथ बातचीत करें।
  2. पात्रता मान्यता: जब विषय का चयन हो जाए, तो आपको विशेष पात्रता मान्यता पूरी करनी होगी। इसमें आपके ग्रेजुएशन और मास्टर्स के परीक्षाफल, आवश्यक विषयों में क्वालीफाइंग योग्यता, और किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय परीक्षा (जैसे GATE, NET, GRE) के परीक्षाफल शामिल हो सकते हैं।
  3. अनुसंधान प्रस्ताव तैयार करें: एडमिशन के लिए, आपको अपने अनुसंधान के प्रस्ताव की तैयारी करनी होगी। इसमें आपको अपने अनुसंधान के मुख्य प्रश्न, मानदंड, अध्ययन की योजना, और अपेक्षित परिणामों का विवरण शामिल करना होगा। आपको भी अपने संभावित सुपरवाइजर के साथ इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए और उनकी सलाह लेनी चाहिए।
  4. आवेदन प्रक्रिया: आपको विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट के आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। यह आमतौर पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया होती है, जिसमें आपको आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची प्रदान की जाती है, जैसे कि शैक्षणिक प्रमाणपत्र, प्रस्ताव पत्र, और संदर्भ पत्र। आवेदन फीस भी जमा करनी हो सकती है।
  5. इंटरव्यू और प्रवेश परीक्षा: कुछ विश्वविद्यालयों और इंस्टीट्यूटों के लिए, आपको इंटरव्यू या प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा। इसमें आपके अनुसंधान प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है और आपके विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  6. संपादन और प्राधिकरण: आपके अनुसंधान प्रस्ताव को संपादित किया जा सकता है और इसे विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट के एक प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त करनी होगी।
  7. डॉक्टरेट कार्यारंभ: जब आपका अनुसंधान प्रस्ताव मान्यता प्राप्त कर लेता है, तो आपको विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट में डॉक्टरेट के लिए नामांकन किया जाता है।

पीएचडी कितने वर्ष का होता है ?

एक डॉक्टरेट (PhD) अध्ययन की आवधि विशेषता के तहत विभिन्न देशों और विश्वविद्यालयों पर निर्भर करती है। अक्सर, एक पीएचडी की आवधि 3 से 5 वर्षों के बीच होती है।

क्या हिंदी मीडियम में पीएचडी की जा सकती है ?

हां, आप हिंदी मीडियम में पीएचडी कर सकते हैं। हिंदी भाषा में पीएचडी के अध्ययन करने के लिए भारत में कई विश्वविद्यालय और शोध संस्थान मौजूद हैं। ये संस्थान विभिन्न विषयों में अध्ययन की सुविधा प्रदान करते हैं और आपको हिंदी भाषा में शोध करने का अवसर देते हैं।

पीएचडी में कितने विषय होते हैं ?

डॉक्टरेट (PhD) कार्यक्रम में विषयों की संख्या विश्वविद्यालय और शोध संस्थान के नियमों और प्रक्रियाओं पर निर्भर करेगी। हालांकि, आमतौर पर एक विद्यार्थी को एक ही विषय के अंतर्गत शोध करने का मौका दिया जाता है।

डॉक्टरेट कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर शोध किया जा सकता है, जैसे कि विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, गणित, आर्थिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान, साहित्य, भूगोल, इतिहास, विचारशास्त्र, संगीत, कला, वाणिज्य, स्वास्थ्य विज्ञान, शिक्षा, इत्यादि।

Ma के बाद पीएचडी कैसे करें ?

एमए (Master of Arts) के बाद पीएचडी (PhD) करने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:

  1. विषय चुनें: आपको वह विषय चुनना होगा जिसमें आपकी रुचि हो और जिसमें आप शोध करना चाहते हैं। यह आपके इंटरेस्ट, पूर्व अध्ययन और करियर के लक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए।
  2. संपर्क करें: आपको विभिन्न विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के संबंधित विभागों के साथ संपर्क स्थापित करना होगा। आपको उनसे अपनी रुचि और प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा करनी चाहिए और उनके शोध गाइडेलाइंस, प्रवेश प्रक्रिया, और योग्यता मानदंडों की जांच करनी चाहिए।
  3. आवेदन प्रक्रिया: आपको चयनित विश्वविद्यालय या संस्थान की आवेदन प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसमें आपको आवेदन पत्र, संदर्भ पत्र, संशोधन प्रस्ताव, परीक्षा परिणाम, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को सबमिट करना होगा।
  4. प्रवेश परीक्षा: कुछ विश्वविद्यालय और संस्थान प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं जिसमें आपको उम्मीदवारों की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए भाग लेना होगा।
  5. शोध प्रस्ताव: प्रवेश प्रक्रिया के बाद, आपको एक शोध प्रस्ताव तैयार करना होगा। इसमें आपको आपके शोध के उद्देश्य, प्रश्न, आद्यतन विधि, और प्रस्तावित शोध के परिणामों का विवरण शामिल करना होगा।
  6. गाइड चुनें: आपको एक शोध मार्गदर्शक (गाइड) को चुनना होगा जो आपको शोध के दौरान मार्गदर्शन करेगा। गाइड आपके विषय की अध्ययन और शोध के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
  7. शोध कार्य: एक बार जब आपका प्रस्ताव स्वीकृत हो जाए, तो आपको शोध कार्य के रूप में विशेषज्ञता दिखाने के लिए आपको अपने शोध के प्रवाह में जुटना होगा। आपको शोध का निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत शोध करना होगा और एक थीसिस या डिसर्टेशन को तैयार करना होगा।
  8. डिफेंस और स्नातकोत्तर: आपको अपनी शोध का डिफेंस करना होगा, जिसमें आपको अपनी शोध का परिणाम और प्रदर्शन प्रस्तुत करना होगा। डिफेंस के बाद, आपको एक स्नातकोत्तर (डॉक्टर) की डिग्री प्राप्त होगी।

इसलिए, एमए के बाद पीएचडी करने के लिए आपको विश्वविद्यालय या संस्थान के नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

भारत में पीएचडी के लिए कितना प्रतिशत चाहिए ?

अक्सर विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पीएचडी के लिए निम्नलिखित योग्यता मानदंड निर्धारित किए जाते हैं:

  • एमए या मास्टर्स डिग्री में कम से कम 55% अंक (SC/ST/OBC श्रेणी के लिए अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 50% अंक)।
  • उच्चतर माध्यमिक स्तर पर एक वार्षिक पाठ्यक्रम में कम से कम 60% अंक।
  • एक प्राथमिकता परीक्षा जैसे कि UGC-NET, CSIR-NET, GATE, या अन्य राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा में योग्यता।

पीएचडी का पूरा नाम क्या है ?

पीएचडी का पूरा नाम होता है “डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी” (Doctor of Philosophy)। यह डिग्री विभिन्न विषयों में शोध करने के लिए प्राप्त की जाती है और शोध परिणामों के माध्यम से शिक्षा की उच्चतम स्तरीय पाठ्यक्रम है। डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) डिग्री के लिए छात्रों को मौजूदा ज्ञान और विज्ञान की विस्तारपूर्वक अध्ययन और अनुसंधान का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है।

पीएचडी को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?

पीएचडी को अंग्रेजी में “PhD” (Doctor of Philosophy) कहा जाता है। यह विश्वविद्यालयीन डिग्री है जो शोध परिणामों के माध्यम से शिक्षा की उच्चतम स्तरीय पाठ्यक्रम है।

डॉक्टरेट और पीएचडी में क्या अंतर है ?

डॉक्टरेट और पीएचडी दोनों शोध परिणामों पर आधारित उच्चतम स्तरीय डिग्री होती हैं, लेकिन उनमें थोड़ा सा अंतर होता है। इसके अलावा, उनका उपयोग क्षेत्र और देश के आधार पर भी भिन्न हो सकता है।

डॉक्टरेट (Doctorate) एक सामान्य शब्द है जो किसी भी क्षेत्र में शोध के माध्यम से प्राप्त की जाने वाली उच्चतम स्तरीय डिग्री को संकेत करता है। इसमें शिक्षा के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (PhD), डॉक्टरेट ऑफ इंजीनियरिंग (Doctorate of Engineering), डॉक्टरेट ऑफ इयता (Doctorate of Medicine), आदि।

पीएचडी (PhD) एक विशेष डॉक्टरेट है जो विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, विचारशीलता आदि क्षेत्रों में शोध के लिए प्राप्त की जाती है। यह डिग्री डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Doctor of Philosophy) के रूप में भी जानी जाती है।

इसलिए, डॉक्टरेट एक जनरिक शब्द है जो किसी भी उच्चतम स्तरीय शोध पर आधारित डिग्री को दर्शाने के लिए उपयोग होता है, जबकि पीएचडी एक विशेष डॉक्टरेट है जो विशेषतः फिलॉसफी क्षेत्र में शोध परिणामों पर आधारित होती है।

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